किसी भी मर्ज की जल्द पहचान योलो हेल्थ से संभव हैः विनायक कुमार
नई दिल्ली. आज भी हमारे देश की अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रही है और उन्हें पर्याप्त स्वास्थ सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. इसका सबसे बड़ा कारण डॉक्टरों की कमी है. भारत में 1511 लोगों पर 1 डॉक्टर है. अधिकांश डॉक्टर शहरों में रहते हैं इसलिए भारत के गांवों में डॉक्टर और मरीजों का अनुपात डब्ल्यूएचओ के मानकों से काफी कम है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जिसे विश्व स्तर पर स्वास्थ्य सेवा में अगले बड़े क्रांतिकारी कदम के रूप में सराहा जा रहा है, इस समस्या को हल करने में भारत की सहायता कर सकता है.
योलो हेल्थ फाउंडेशन के संस्थापक विनायक कुमार का मानना है कि उनका संगठन ग्रामीण भारत की इस समस्या को अपने हेल्थ एटीएम के जरिये हल कर सकता है. योलो हेल्थ फाउंडेशन स्वास्थ्य के साथ- साथ मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रमुख समस्याओं को सुलझाने में सक्षम है. इस समय 80 से भी ज्यादा जगहों योलो हेल्थ एटीएम 60 से ज्यादा बीमारियों की नि:शुल्क जांच कर लोगों को सुविधा दे रहा है.
अधिकतर जनसंख्या गांवों में रहती है और वहां पर सही स्वास्थ सुविधाओं का अभाव है. इसका कारण चिकित्सकों की कमी भी है.
योलो फाउंडेशन, स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उतरकर इसमें सुधार और बड़ी बीमारी के रोकथाम को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है. योलो हेल्थ की शुरुआत आईआईटी बॉम्बे की लैब से हुई थी और आज इसमें 30 से ज्यादा इनोवेटर्स हैं. योलो हेल्थ मेडिकल आईओटी अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में हरसंभव सहयोग कर रहा है. हेल्थकेयर एनालिटिक्स के क्षेत्र में अनुसंधान और प्रगति के लिए भारत के साथ- साथ इजराइल और यूएसए के अनेक संस्थानों के साथ भी सहयोग कर रहा है. इसका उद्देश्य भारत की आम जनता को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना है.
विनायक कुमार योलो हेल्थ फाउंडेशन के रूप में उन क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी-संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा और स्वास्थ्य देखभाल के समाधानों की पेशकश करके समाज के गरीब और वंचित तबके के लोगों को सबल बनाना चाहते हैं जहां उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा आसानी से उपलब्ध नहीं है. इतना ही नहीं विनायक कुमार इम्पैक्ट गुरु संस्थान के साथ मिलकर सीएसआर की ओर कदम बढ़ा रहें हैं ताकि समाज की भलाई के लिए कुछ उचित किया जा सके.
यह सच है कि किसी बीमारी की जल्द पहचान कर हम बेहतर उपचार और बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं. हेल्थ एटीएम के जरिए बीमारी की पहले से पहचान की जा सकती है, जिससे किसी भी बड़े दुष्प्रभाव से पहले इसे ठीक किया जा सकता है. बीमारी के इलाज की तुलना में बीमारी की रोकथाम अधिक आसान है।